हिमाचल प्रदेश राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। पिछले 4 वर्षों में, कनेक्टिविटी, पर्यटन स्थलों और पिछड़े क्षेत्रों में सुधार को प्राथमिकता दी गई है।
16 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं पूरी की गई।
639 किमी लंबाई की, 42 परियोजनाएं तेज़ी से बढ़ रही हैं।
हिमाचल प्रदेश में सड़क विकास के लिए ₹ 40,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा।
मध्य प्रदेश में, 4 वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्ग में काफी विस्तार हुआ है। शहरों के बीच ट्रैफिक कम करने के लिए बाईपास दिए गए। सड़को का विस्तार एवं चौड़ीकरण किया गया।
1,652 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण 4 वर्षों में किया गया।
चंबल एक्सप्रेसवे की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है जो की 300 किमी फैले, ₹ 5,000 करोड की अनुमानित लागत से बिहौरा होते हुए चंबल नदी के समानांतर चलेगा।
महाराष्ट्र ने पिछले 4 वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए 3 गुना काम किया है। 2014 से पहले राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई 6,249.2 किमी थी जो की बढ़कर 2018 में 17,749 किमी हो गयी।
सैद्धांतिक' रूप से मंज़ूरी वाले 5,267 किमी की सड़कों को 2-लेन पेव्ड शोल्डर विकसित करने का प्रस्ताव है।
महाराष्ट्र के निचले इलाके के हाइवे को सुरक्षित और बेहतर बनाने पर ₹ 40,313 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य में, 2014 तक राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 7,643 किमी थी। 2018 में, यह लंबाई बढ़कर इन प्रिंसिपल राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 13,339 किमी हुई।
5,696 किमी के एनएच बने।
एनएच निर्माण के लिए ₹ 1,20,000 करोड़ निर्धारित किये गये।
3,168 किमी के लिए ₹ 35,000 करोड़ के डीपीआर तैयार किए जा रहें हैं।
उत्तराखंड, जिसे देवभूमि कहा जाता है, धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का एक अद्वितीय संयोजन है। यहाँ पर्यटन लोगों को आकर्षित करता है। राज्य में सड़क कनेक्टिविटी के सुधार के लिए सभी मौसम स्थितियों के अनुरूप सड़कों का एक नेटवर्क मजबूत और सुरक्षित किया जा रहा है।
2018 में, केवल 4 वर्षों में 2,509 की आकृति 3,492 किमी तक पहुंच गई है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग के पूरा होने के बाद उत्तराखंड पहुंचना आसान होगा।